सुशांत सिंह राजपूत को अंतिम विदाई
सुशांत सिंह राजपूत का जन्म 19 जनवरी 1986 को बिहार के पटना में हुआ था जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बहुत ही कम उम्र और कम समय में उन्होंने वह मुकाम और सोहरत हासिल की जो किसी भी अभिनेता को हासिल करने में सालों लग जाते हैं उनके यूँ दुनिया से हार जाने और आत्महत्या कर लेने से सम्पूर्ण देश स्तब्द है ऐसा लग रहा है मानो किसी फिल्म की सूटिंग चल रही हो यह एक अविश्वसनीय घटना है उनके मृत्यू से देश भर में शोक का माहौल है उन्हें नाम आँखों से अंतिम विदाई देते हुए डॉ कुमार विश्वास और अन्य लेखको ने कहा:-
# तुम गए क्या शहर सूना कर गए
दर्द का आकार दूना कर गए .. ! " #SushantSingh Rajput
दर्द का आकार दूना कर गए .. ! " #SushantSingh Rajput
# बात करो रूठे यारों से सन्नाटे से डर जाते हैं !
इश्क़ अकेला जी सकता है ,
दोस्त अकेले मर जाते हैं !!
ये लड़का सोने नहीं दे रहा.ऐसा भी क्या भाई ? ये तो ठीक नहीं किया तुमने -Dr. Kumar Vishwas
# रहने को तो दहर में आता नहीं कोई,
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई....
# तुम ऐसे जाओगे न सोचा था ना जाना था,
हर तरफ़ खबर थी फ़ैल चुकी फ़िर भी मन न माना था।।
# एक शिकवा और शिकन तक नहीं ज़बान पर
मर गया कम्बख़्त पर अदाकारी नहीं गयी ।
# जिसने खुद अपनी मूवी से मुश्किल से fight करना सिखाया
# तुम ऐसे जाओगे न सोचा था ना जाना था,
हर तरफ़ खबर थी फ़ैल चुकी फ़िर भी मन न माना था।।
# एक शिकवा और शिकन तक नहीं ज़बान पर
मर गया कम्बख़्त पर अदाकारी नहीं गयी ।
# जिसने खुद अपनी मूवी से मुश्किल से fight करना सिखाया
वो खुद भी किसी परेशानी से गुजर रहा था ।
# एक तन्हा सितारा तन्हाई में खो गया,
चाँद से प्यारा आसमाँ में जा के सो गया।
# बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया।
# देखो खबर फैली है आज ये ज़माने में,
# एक तन्हा सितारा तन्हाई में खो गया,
चाँद से प्यारा आसमाँ में जा के सो गया।
# बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया।
# देखो खबर फैली है आज ये ज़माने में,
वो एक सितारा आया था आसमाँ के खज़ाने में !
# प्रिय सुशांत! जाने किन विचित्र द्वंदों में बह गए तुम।
ऐसे कि ... बस चित्र और छंदों में रह गए तुम ।
# शब्द नही है कहने को,
विश्वास नही होता है।
सुसाइड करके एक सितारा ,
यूं कफन में सोता हैं ।
# वो खुद की दी हुई तालीम भूल गया
एक और सितारा आज आसमा को लौट गया
# हँसते हँसते यू रोता नहीं कोई,
ख्वाब अपने मिटाता नहीं कोई,
हुआ होगा कुछ तो गहरा आपके साथ भी,
वर्ना यु मौत को गले से लगता नहीं कोई .
# कुछ दर्द ऐसे बिन कहे आते हैं,
कि पेड़ हरे होते हैं और टूट जाते हैं ।
# एक बस तुझको ही खोना बाकी था,
इससे बुरा इस साल और क्या होना बाकी था ।
बहुत याद आओगे सुशांत...........
# प्रिय सुशांत! जाने किन विचित्र द्वंदों में बह गए तुम।
ऐसे कि ... बस चित्र और छंदों में रह गए तुम ।
# शब्द नही है कहने को,
विश्वास नही होता है।
सुसाइड करके एक सितारा ,
यूं कफन में सोता हैं ।
# वो खुद की दी हुई तालीम भूल गया
एक और सितारा आज आसमा को लौट गया
# हँसते हँसते यू रोता नहीं कोई,
ख्वाब अपने मिटाता नहीं कोई,
हुआ होगा कुछ तो गहरा आपके साथ भी,
वर्ना यु मौत को गले से लगता नहीं कोई .
# कुछ दर्द ऐसे बिन कहे आते हैं,
कि पेड़ हरे होते हैं और टूट जाते हैं ।
# एक बस तुझको ही खोना बाकी था,
इससे बुरा इस साल और क्या होना बाकी था ।
बहुत याद आओगे सुशांत...........
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Alvida Sushant |
1 Comments
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