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Mostly
हर किसी के मन में यह सवाल
अवश्य आता है How
to become successful तो
चलिए आज इस पर ही कुछ चर्चा करते हैं
यूँ तो चीटियों से हमें बहुत
कुछ सीखने को मिलता है पर क्या आप जानते हैं हमारा आज का जो विषय (Topic) है हमें उस पर भी चीटियों से कुछ सीखने को
मिलता है
To
become successful हमारे लिये आवश्यक है की हमें द्रण रहना होगा
हम किसी भी कार्य को यदि शुरू कर दे तो हम उसे सफलता और असफलता के आधार पर न आंके
यदि हम ऐसा करते हैं तो हम अफलता के बाद उस कार्य को छोड़ देने की सोचेंगे क्लेकिन
हमें ऐसा नहीं करना चाहिए यदि हम ऐसा करते हैं तो हमारे Successful होने के Chances बहुत कम हो जाते हैं इसीलिए यदि हम किसी भी
कार्य को शुरू करने की सोच रहे हैं तो आपको शुरुआत में असफलता के लिये तैयार रहना
चाहिए हो सकता है हम १ महीने असफल हों २ महीने असफल हों १ साल तक असफल हों लेकिन
वास्तविक चुनौती यही है कि हम डटे रहे द्रण रहें और किसी भी परिस्थिति में Give Up न करें और आज के इस विषय पर हम आपको ANT PHILOSOPHY बताते हैं
ANT PHILOSOPHY
हम सब बचपन से ही चीटियों को देखते आ रहे हैं और बहुत सारी philosophy सुनी व पढ़ी भी हैं और म सब जानते हैं की चीटियाँ बारिस से पहले अपने भोजन का भंडार एकत्र करना आरम्भ कर देती हैं और एक पंक्ति (Line) में सैकड़ो की संख्या में भोजन एकत्र करती हैं लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया कि जब भी चीटियाँ पंक्ति में भोजन एकत्र कर रहीं होती हैं अगर हम उनके सामने कुछ रख देते हैं तो वह बगल से निकलना प्रारंम्भ कर देती हैं या मान लो हम अपना पैर रख देते हैं तो वे पैर के आगे से जाने लगती हैं आगे जेक दुबारा पैर रख देते हैं तो वे हमारे पैर के उपर से निकलना प्रारम्भ कर देती हैं तो चीटियों से हमें यह सीखने को मिलता है की हमारे मार्ग में चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों न आयें हमें आगे बढ़ते जाना है हम सफल अवश्य होंगे क्यूंकि जब एक चीटी हार नहीं मान रही है तो भगवान ने हमें तो इंसान का जन्म आशीर्वाद में दिया है हम हार क्यों माने?
इस Ant Philosophy का ज़िक्र Sonu Sharma ने भी किया है
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